हिना राणा को बधाई: अल्वाह गांव से संबंध रखने वाली हिना राना का चयन प्रवक्ता इतिहास के तौर पर हुआ है जिससे पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर छाई हुई है
बधाई हो, हीना राणा, इतिहास प्रवक्ता के रूप में आपके चयन पर! आपकी कड़ी मेहनत, समर्पण और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता ने वास्तव में फल दिया है। यह उपलब्धि इस विषय के प्रति आपके जुनून और सफल होने के आपके दृढ़ संकल्प का प्रतिबिंब है। अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित और शिक्षित करने के लिए आपको निरंतर सफलता की कामना!
भारत (या कई अन्य देशों) में व्याख्याता बनने के लिए, आपको आमतौर पर इन चरणों का पालन करना होगा:
1. अपनी स्नातकोत्तर डिग्री पूरी करें
* न्यूनतम योग्यता क्या होनी चाहिए: जिस विषय को आप आगे पढ़ाना चाहते हैं, उसी विषय में आपकी मास्टर डिग्री जैसे M.A, M.Sc, M.Com, आदि।
* न्यूनतम अंक : अपनी स्नातकोत्तर डिग्री में कम से कम 55प्रतिशत अंक या आरक्षित श्रेणियों के लिए 50 प्रतिशत।
2. UGC NET या SET परीक्षा पास करें
* UGC NET (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) या राज्य पात्रता परीक्षा (SET/SLET) कॉलेजों या फिर विश्वविद्यालयों में भी सहायक प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक है।
* भारत में NTA (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) द्वारा आयोजित किया जाता है।
* यह सामान्य योग्यता (पेपर 1) और विषय ज्ञान (पेपर 2) का परीक्षण करता है।
3. P.hD करें (वैकल्पिक लेकिन पसंदीदा)
* हालांकि यदि आप नेट पास कर लेते हैं तो यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन पीएचडी अत्यधिक पसंद की जाती है - विशेष रूप से स्थायी या वरिष्ठ पदों के लिए।
* कुछ विश्वविद्यालय पीएचडी वाले व्याख्याताओं को सीधी भर्ती प्रदान करते हैं (यूजीसी मानदंडों के अनुसार, पीएचडी धारकों को नेट से छूट दी जा सकती है)।
4. व्याख्याता/सहायक प्रोफेसर पदों के लिए आवेदन करें
* निम्नलिखित में रिक्तियों की तलाश करें:
* सरकारी कॉलेज/विश्वविद्यालय (पीएससी, यूपीएससी, या अन्य परीक्षाओं के माध्यम से)
* निजी या स्वायत्त कॉलेज
* केंद्रीय विश्वविद्यालय
5. साक्षात्कार और डेमो कक्षाओं के लिए तैयारी करें
अधिकांश संस्थान **डेमो व्याख्यान** मांगेंगे और पैनल साक्षात्कार आयोजित करेंगे।
बोनस टिप्स:
अपनी रिसर्च प्रोफाइल को अपडेट करते रहें, पेपर प्रकाशित करें, सेमिनार में भाग लें।
अपने विषय और संचार कौशल पर अच्छी पकड़ बनाएं।