सनसनी: 11 महीने की एक छोटी सी बच्ची की मां ने फांसी लगाकर कर ली आत्महत्या

 हिमाचल न्यूज़:- हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर से एक ऐसी घटना सामने आई है कि जिसमें हर किसी को झांझोर कर रख दिया गया है या 11 महीने की बच्ची के सर से मां का साया हमेशा के लिए उठ गया है या यू कहे की खुद ही अपनी 11 महीने की बच्ची को अकेला छोड़ दिया है और महिला ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है।

मां ने की आत्महत्या

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महिला ने ऐसा को अपना कदम क्यों उठाया इसका अभी तक खुलासा नहीं हुआ है मामला हमीरपुर जिला के बिझडी मंडल के महारल गांव से सामने आया है या छवि वर्षों विवाहित लक्ष्मी देवी ने अपने ही घर में सुंदर लगाकर जीवन लीला समाप्त कर दी है मासूम बच्ची की किलकारियो के बीच ऐसी खामोशी पसरी जो पूरे गांव को खामोश कर दिया गया है।


 बताया जा रहा है की लक्ष्मी की शादी तीन साल पहले ही संजीव कुमार से हुई थी महिला का पति संजीव कुमार गुड़गांव से एक निजी कंपनी में कार्यरत है लक्ष्मी देवी अपने साथ ससुर के साथ गांव में ही रहती थी परिजनों की मैंने तो लक्ष्मी ने रोज की तरह अपनी बच्ची को सास के हवाले किया हुआ था और कमरे में चली गई किसी को बना भी नहीं लग पाई कि वह भीतर ही भीतर इतनी बड़ी भारी मन से जूझ रही थी जब बच्ची को मिलाकर उसे मां के पास देने पहुंचे तो उसने दरवाजे के दरवाजा बंद देखा तो आवाज लगने लगी पर कोई उत्तर नहीं मिला काफी देर तक दरवाजा न खोल पर उन्होंने पहाड़ीयो पड़ोसियों को पंचायत को बुलाया तुरंत पुलिस को भी सूचना दी गई।


 दियोटसिद्ध पुलिस चौकी प्रभारी प्रकाश चंद थाना प्रभारी सुखदेव सिंह टीम सहित मुख्य पर पहुंचे और दरवाजा तोड़ दिया दरवाजा तोड़कर जब कमरे में प्रवेश किया तो अंदर का दृश्य देखा तो और उनके खड़े हो गए लक्ष्मी देवी पंखे से एडिट की हुई थी और फोन नीचे और नीचे उतर गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी उन्हें नन्ही बेटी मां की गोद में बीयर रो रही थी लेकिन अब उसे मां की ममता से तस्वीरें और यादों में ही मिलेगी।


पुलिस ने सबको कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मीरपुर जिला अस्पताल भेज दिया है और परिजनों को भी अंदाज भी कर लिया गया है प्रथम दृश्य यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है लेकिन पुलिस और पहलू की जांच कर रही है पुलिस सी और भी जाने का प्रयास कर रही है कि आखिर महिला न्यायाधीशों को अपना उपाध्याय उठाया क्यों गया आम के लोगों की आंखें नम हो गई कोई विश्वास नहीं कर सकता कर पा रहा था कि हस्ती खेल खिलाती लड़की ने ऐसा कदम क्यों उठाया लक्ष्मी को अक्सर अपनी बेटी के साथ आंगन में खेलते देखा जाता था अब उस आंगन में सन्नाटा पसरा हुआ है और एक मासूम बच्ची की आंखों में हर पल अपनी मां को ढूंढती फिरती रहती है या घटना से एक मौत नहीं एक मासूम जीवन से ममता की छम छम जाने की मार्मिक दास्तां है उसके लिए है कि क्या हम कभी जान पाएंगे उसे पीड़ा को जो लक्ष्मी के मन में चल रही थी।

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