सावधान: हिमाचल के जिला कुल्लू , किन्नौर और शिमला में तेजी से फैल रहा है सैंडफ्लाई का कहर

 हिमाचल न्यूज़:- हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू, किन्नौर व शिमला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई तरह की बीमारी फैल रही है इसका संक्रमण बहुत ही तेजी से हो रहा है जिसका नाम कटेनेयस इस लीशमैनीयासिस (सीएल) है यह बीमारी से सैडफ्लाई (बालू मक्खी) के काटने से होती है 

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पहले यूरोप राजस्थान गुजरात और पंजाब जैसे गर्म और सुशील को ताकि सीमित था लेकिन अब यह पहाड़ी इलाकों में भी अपने पैर पर सारा है और वैज्ञानिक का मानना है कि इसके पीछे जलवायु परिवर्तन का बड़ा है कारण है


शोध से हुआ बड़ा क्लास खुलासा 

यह चुकाने वाला खुलासा हाल ही में ही किए गए एक विस्तृत शोध में सामने आया है इस शोध को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला और रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर डिब्रूगढ़ में मिलकर एंजाइम दिया है 


शोधकर्ता ने शिमला जिले के रामपुर बहू कुल्लू जिला के मित्र और निर्मल ब्लॉक के बीच गांव का एक अध्ययन किया था हर गांव में 15 से 20 करोड़ की जांच की गई जिसमें से 11 गांव में सैंडफ्लाई की मौजूदगी पाई गई है जो इस बीमारी को फैलने के लिए जिम्मेदार है। 

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शोधकर्ताओं हके दोबारा कुल 332 सैडफ्लाई पकड़ी गई है जिसमें वह प्रजातियां शामिल जो बीमारी को फैलाती है यह मक्खियों मुख्य रूप से उन मवेशियो के बाडे में मिलती है जो घरों के पास ईट और मिट्टी से बने होते हैं। 


शोध में यह भी सामने आया है कि जून से अगस्त महीने के बीच में ही जब तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है तो नमी 60 फीसदी से बढ़कर 90 फीसदी तक पहुंच जाती है तो इस बीमारी की सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं इसका सीधा मतलब यह है कि सीरियल गर्मी और नमी के मौसम में सबसे ज्यादा फैलता है। 


पहाड़ों पर बदलते मौसम का बढ़ता खतरा 

त्वचा रोग विशेषज्ञ और शोधकर्ता डॉक्टर मनोज शर्मा ने बताया है कि अपनी टीम ने पिछले 2 साल में 50 से ज्यादा मरीजों को सफलतापूर्वक इलाज कर दिया गया है उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है की बीमारी अब ऊंचाई वाले ठंडे इलाकों में भी दिख रही है जहां पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था।


इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण मौसम में बदलाव है 

पर्यावरण विज्ञान ने डॉक्टर रीमा ठाकुर ने इस बात की पुष्टि की गई है कि पहाड़ों का औसत तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है जिसमें कि अब बताया गया है कि हिमाचल प्रदेश में औसतन 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी भी आंकी गई है और तापमान में भी इस वृद्धि के कारण ही सैंडफ्लाइ जैसी मक्खियों ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी पनपनी शुरू हो गई है और जिससे इन इलाकों में भी बीमारियों का खतरा और भी तेजी बढ़ रहा है।

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