ऊना:- प्रदेश हाईकोर्ट में आरोपी एसडीएम ऊना, विश्व मोहन देव चौहान के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में जमानत याचिका पर महत्वपूर्ण सुनवाई 6 अक्तूबर को निर्धारित की गई है। इस सुनवाई के दौरान, कोर्ट को विस्तृत रूप से बताया गया कि पीड़िता ने आरोपी के साथ समझौता कर लिया है, जो एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इस समझौते की सत्यता और पीड़िता की स्थिति की जांच करने की आवश्यकता को समझते हुए, न्यायाधीश राकेश कैंथला ने राज्य सरकार से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही, स्थिति स्पष्ट करने के लिए आरोपी द्वारा किए गए शादी के वायदे का भी जिक्र किया गया है। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि जमानत याचिका पर विचार करते हुए, पीड़िता को 20 अगस्त, 2025 से पहले गिरफ्तारी का आदेश जारी करने की आवश्यकता महसूस हुई, इसी संदर्भ में आरोपी की अंतरिम जमानत की अर्जी पर विस्तृत ध्यान देने के लिए उसे न्यायालय में बुलाया गया था। इस मामले में, आरोपी को पर्याप्त प्रमाण या सामग्री की अनुपलब्धता के कारण, न्यायालय ने मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए अगली सुनवाई की तैयारी की है।
कानूनी प्रक्रियाओं के बीच कोर्ट से फिलहाल कोई राहत आरोपी को नहीं मिली है, क्योंकि केस काफी जटिल और गंभीर प्रकृति का है। आरोप यह है कि एक युवती ने जिक्र किया कि एसडीएम विश्व मोहन देव की सुनवाई के दौरान ही आरोपी उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था और उसे धमकी दी कि वह घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। पीड़िता द्वारा चौहान के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसके चलते उसने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। युवती ने अपने बयान में बताया था कि उसे अंतरिम अग्रिम जमानत मोहैया करवाई जाए ताकि वह सुरक्षित महसूस कर सके और मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई की जा सके। कोर्ट ने जब आरोपी विश्व मोहन देव चौहान के खिलाफ सभी साक्ष्य और दलीले सुनीं, तो उसने यह सबूत देखने के बाद आरोपी को कोई राहत प्रदान करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सरकार को नोटिस जारी कर कहा कि प्रथम दृष्ट्या सबूतों के आधार पर युवती के बयान में सच्चाई झलकती है। इसके आलावा, इस मामले की तह तक जाने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया कि उपलब्ध साक्ष्यों की गहन जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, ताकि सत्यता का पता लगाया जा सके और उचित न्याय सुनिश्चित हो सके।
कोर्ट द्वारा दायर याचिका और लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, एसडीएम ने संबंधित व्यक्ति को विशेष रूप से अपने कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया था। इस मुलाकात का उद्देश्य याचिका में वर्णित तथ्यों की स्पष्टता प्राप्त करना और समझना था। इसके बाद, गहन विचार-विमर्श और सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के पश्चात, एसडीएम ने प्रस्तुत तथ्य और याचिका के पूरे परिप्रेक्ष्य को आधार बनाते हुए अपनी ओर से कुछ बातें स्पष्ट रूप से कही हैं, जिससे पूरे मामले की स्थिति और भी स्पष्ट हो सके। यह एक महत्वपूर्ण पहल थी ताकि किसी भी प्रकार के असमंजस या गलतफहमी को दूर किया जा सके और एक संतुलित निर्णय तक पहुंचने में मदद मिल सके। कोर्त ने सर्वोच्च कोर्ट के भव्य और विशाल चैम्बर में उस व्यक्ति के साथ उम्मीद से भरी हुई गंभीरता के साथ उपस्थित था, जहाँ हर तरफ कानून की किताबें, न्यायाधीशों के रोब, और न्याय के प्रतीकों की अद्भुत सजावट अनुभूत रूप से स्थापित थी, और जिससे न्याय की प्रक्रिया को अपनाने का एक पवित्र सा माहौल निर्मित हो रहा था। कि प्राथमिकी में लेगाए ्ाणालय के निर्णय का हवाला जबरन संबंध बनाए।
बाद में यह खुलासा हुआ कि लगाए गए आरोपों से यह पता चलता है कि एक विशेष घटना घटित हुई थी, जिसमें यह निर्धारित किया गया था कि 10 अगस्त को, एक महत्वपूर्ण सरकारी उपस्थिति में, रैस्ट याचिकाकर्ता ने अपनी औपचारिक याचिका प्रस्तुत की थी, जो 10.8.2025 की तारीख के साथ संबंधित है। इस तिथि पर की गई कार्रवाई ने मामले में एक निर्णायक मोड़ उत्पन्न किया, जो लगातार चर्चाओं और कानूनी प्रक्रिया का केंद्र बना रहा। कि दष्कर्म के हाऊस में भी उसे बुलाया अर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया मामले में गिरफ्तारी से पहले था। पीड़िता रोई और आरोपी ने जमानत नहीं दी जानी चाहिए। जनता टाइम्स TV जिला ऊना।
